लिओनार्दो दा विंची (1452-1519) एक ऐसा नाम जिसे शायद ही कोई दुनिया में नही जानता हो ! १५वीं सदी के ऐसे महान चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पी, संगीतज्ञ, कुशल यांत्रिक, इंजीनियर तथा वैज्ञानिक जो पूरी दुनिया में मास्टर के रूप महान आर्टिस्ट के रूप में याद किये जाते है! उनकी समसे फेमस पेंटिंग मोनालिसा मानो आर्ट जगत के लिए पहला अध्याय भी है और अंतिम भी ! और “अंतिम व्यालू” (Last Supper) को केसे भूला जा सकता है जिस पर आज भी कई वैज्ञानिक , कलाकार रिसर्च कर रहे है और कई फिल्में बनी है ! आज भी जब कोई आर्ट की बात करता है तो शुरुवात मोनालिसा से होती है ! अब जबकि मै भी आर्ट को समजने का प्रयास कर रहा तब लेओनार्दो डा विंची ही पहली सीढ़ी बने ! पहला कदम जहा से आर्ट को समझने की शुरुवात हई! मेरे लिए विंची एक ऐसे Genius जो अपनी कल्पना शक्ति से कुछ भी बना सकते थे मानो कोई अपूर्व ईश्वरीय शक्ति का वरदान प्राप्त हो! जिस तरह चीजो को देखना समझाना निर्माण का कार्य विंची ने किया है वो अद्भुद है, और अकल्पनीय भी! मेरी नजर में वो एक आविष्कारक पेंटर थे जिनने खुद की प्रतिभा नक़ल करने में नही लगायी और श
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